'बुलडोजर एक्शन' पर सुप्रीम कोर्ट का सख्त रिएक्शन; कहा- हम राष्ट्रीय स्तर पर दिशानिर्देश जारी करेंगे, यूं ही किसी का घर नहीं गिरा सकते
Supreme Court Reaction on Bulldozer Action Hearing News
Supreme Court on Bulldozer Action: 'बुलडोजर एक्शन' पर सुप्रीम कोर्ट का सख्त रिएक्शन सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि, किसी शख्स के आरोपी या दोषी हो जाने पर उसका घर यूं ही मनमाने तरीके से नहीं गिराया जा सकता है। यह तरीका सही नहीं है। दरअसल, बुलडोजर एक्शन के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सोमवार दोपहर सुनवाई की। जहां सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की तरफ से यह टिप्पणी की गई.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हम राष्ट्रीय स्तर पर दिशानिर्देश जारी करेंगे
बुलडोजर एक्शन के खिलाफ दायर याचिकाओं पर ध्यान केन्द्रित करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय स्तर पर दिशानिर्देश जारी करने की बात कही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बुलडोजर एक्शन के संबंध में स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करने की जरूरत है। इसलिए हम बुलडोजर एक्शन को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर दिशानिर्देश जारी करेंगे। हमारे दिशा-निर्देशों का सभी राज्य पालन करें। दिशा-निर्देश जारी करने से पहले सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षकारों से सुझाव मांगे हैं। कोर्ट ने कहा सभी पक्षों का सुझाव आने दीजिए। इसके बाद हम इस बारे में दिशानिर्देश बनाएंगे। अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी।
यूं ही किसी का घर नहीं गिरा सकते
बुलडोजर एक्शन को लेकर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कई सवाल उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, अगर किसी व्यक्ति का बेटा किसी असामाजिक गतिविधि का आरोपी है तो भी क्या उस व्यक्ति का घर गिराना सही है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, एक पिता का बेटा अनाचारी हो सकता है, लेकिन उसके लिए उसका घर गिरा दिया जाए, यह तरीका सही नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि, हम अवैध निर्माण को संरक्षण देने के पक्ष में कतई नहीं है, पर किसी शख्श के किसी केस में सिर्फ आरोपी होने के चलते आप उसका घर नहीं गिरा सकते। किसी के महज आरोपी होने पर उसका घर कैसे गिराया जा सकता है। यहां तक कि उसके दोषी साबित होने पर भी यूं ही मनमाने तरीके से उसका घर नहीं गिराया जा सकता।